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Thursday, January 19, 2017

तत्व विचार - सच खुले बालों का

तत्व विचार - सच खुले बालों का

।।जय माता दी।।

पुराने जमाने से ही सुनते आ रहे है कि लड़कियों को या महिलाओं को अपने बाल कभी खुले नहीं रखने चाहिए और आज भी गाँवो में ये प्रथा प्रचलित है और आज भी बड़े बुजर्ग खुले बालों पे चिढ़ते है और कहते है कि बाल खुले रखने से भुत लग जाता है या हवा लग जाती है।

आइये जानने की कोशिश करते है की ऐसा क्यों कहते है और क्या इसमें कुछ सचाई है।

लड़की या महिला जिस पे वायु तत्व का ज्यादा प्रभाव रहता है , बाल है जो भी वायु तत्व को देखता वो जब भी बाल खुले रहते है तो उसमें वायु के रुकने का स्थान बन जाता है और आपके शरीर में वायु तत्व बढ़ जायेगा और जब भी ऐसा होगा तब तब आपको ये जरूर परेशान करेगा हो सकता है इससे आपको नजर लग जाये, हो सकता है आपमें कोई फितूर आ जाये, हो सकता है आप में कोई भुत आ जाये, हो सकता है कि आप बीमार हो जाये तो ये बहुत ज्यादा संभव है कि खुले बाल आपको परेशान जरूर करेगा और इसी परेशांनी से बचने के लिए ही सर पे हमेशा तैल डाल कर रखने की सलाह दी जाती है।

इसी कारण से ही महिलाओं और पुरुषों को सर ढख कर रखने के लिए कहा जाता है और सभी मांगलिक कार्यो में महिलाओं और पुरुषों के सर ढखे हुए रहते है।

तो ये सच है कि खुले बाल आपको परेशान करेंगे तो बाल खुले रखना और बहार घूमना आपको महँगा पढ़ सकता है।

।।जय माता दी।।

Saturday, September 3, 2016

मोटापा और दुबलापन - 1

।।जय माता दी।।
आज युवाओ को सबसे ज्यादा परेशान करने वाली शारीरिक और मानसिक परेशानी है मोटापा और दुबलापन,  और इस परेशानी का हल ढूंढते ढूंढते बहुत ज्यादा शरीर और पैसे ख़राब कर लेते है, महंगी महंगी और खतरनाक दवाइयो और पाउडर का सेवन करते है जिसकी वजह से बहुत सी दूसरी बीमारिया शरीर में पनप जाती है जो भविष्य में बहुत ज्यादा परेशान करने वाली होती है तो सबसे पहले जरुरत है उन दवाइयो और पाउडर  से बचने की जिसकी वजह से शरीर खोखला हो जाता है।
सबसे पहले मोटापा और दुबलापन के कारण को समझना जरुरी है, और उसके विज्ञान को जानना जरुरी है, मोटापा और दुबलापन का कारण है कैलोरी और ये कैलोरी शरीर को चलाने के लिए बहुत जरुरी है, कैलोरी एक कोष की तरह काम करती है, Balance Sheet की तरह काम करती है अगर Net Profit है तो Capital में जुड़ जायेगा और अगर Net Loss है तो Cepital में से घट जायेगा तो बस इसी विज्ञानं को समझना जरुरी है।
24 घंटे में कम से कम 1600 कैलोरी चाहिए शरीर को चलाने के लिए अगर आपकी और भी कोई Activity नहीं है । (जैसे - Walking, Running, Cycling, Sports, और योग)
अगर आप 1600 कैलोरी से ज्यादा खाना खाते है तो वो आपको धीरे धीरे मोटापा देगा।
अगर आप 1600 कैलोरी से कम खाना खाते है तो धीरे धीरे आपका वजन कम होगा और आपको कमजोरी रह सकती है।
और अगर आज हम शहरों की दिनचर्या या खान पान देखे तो वो मोटापे की तरफ ले जाता है और मोटापा आपको बीमारियो की तरफ ले जाता है।
कोई अगर मोटा है तो उसे कम कैलोरी वाला खाना खाना चाहिए और सबसे कम कैलोरी वाला खाना है सलाद, फल, शब्जिया, अंकुरित अनाज इत्यादि (केले, आम, चीकू, आलू, शकरकंद को छोड़ कर), इनकी आप खुराक बढ़ाएंगे तो आपका वजन धीरे धीरे कम होने लगेगा।
कोई अगर दुबला है तो उसे ज्यादा कैलोरी वाला खाना खाना चाहिए सबसे ज्यादा कैलोरी वाला खाना है सूखे मेवे, मूंगफली, मिठाई, दूध, दही, घी, मक्खन इत्यादि, इनकी आप खुराक बढ़ाएंगे तो धीरे धीरे आपका वजन बढ़ने लगेगा।
अगले ब्लॉग में खाने की कैलोरी से जुडी हुयी जानकारी दूंगा किस खाने में कितनी कैलोरी आदि आदि।
।।जय माता दी।।

Friday, September 2, 2016

जल ही अमृत है।

।।जय माता दी।।

वेदों में बार बार जल की अमृत बताया गया, जल को जीवनदायिनी कहा गया है और जल का गुणगान और महिमामंडन किया गया है।

आईये जानने की कोशिस करते है की जल को अमृत क्यों बताया गया है।

जल पिने के साथ ही वो आमाशय में जाता है वंहा जो भी कुछ रहता है उसकी सफाई कर अपने साथ आगे छोटी आंत में ले जाता है और छोटी आंत को साफ़ करते करते जो कचरा है, जो बेकार है वो बड़ी आंत में जा कर मल के साथ बहार निकल जाता है,

और बड़ी आंत में जाने से पहले जो रस होता है वो छोटी आंत से खून में मिल जाता है और खून में मिल कर सबसे पहले यकृत (लिवर) में जाता है और वंहा से गुर्दा (किडनी) में जाता है और किडनी से जो कचरा है, जो भी बचता है वो मूत्र मार्ग से शरीर से बहार निकल जाता है।

शरीर से बहार निकलने से पहले कितने काम करता है जल आईये देखते है,

खून में मिलने के साथ ही खून को पतला करता है खून में मिलकर यकृत (लिवर) में जाता है और वंहा पे जो अच्छा होता है वो वंहा पे छोड़ देता है और कचरा अपने साथ ले लेता है वंहा से आगे चल कर वो किडनी में जाता है वंहा पे जो अच्छा रहता है वो वंहा छोड़ देता है और कचरा अपने साथ ले लेता है और शरीर से बहार निकाल देता है।

खून, यकृत और किडनी सिर्फ जल को पिते रेहने से साफ़ होते रहते है और तरल रहते है और सिर्फ खून और ये दोनों अंग साफ़ रेहने से ही शरीर में सेकड़ो बीमारियो को दूर कर देता है और जीवन दायीं शक्तियो को बड़ा देता है।

इसलिए वेदों में जल को अमृत कहा गया है जीवनदायी कहा गया है।

जल पिए और स्वस्थ रहे।

।।जय माता दी।।